वैसे तो मैंने कल ही इसी विषय पे एक छोटी सी पोस्ट की थी, पर उसमे दो ही youtube link थे | बाकी के सारे लिंक काफी देर से डाला था तो सोचा की नए लिंक के साथ क्यों ना एक नयी पोस्ट डाल दूँ ! वैसे भी अपनी सेकुलर मीडिया तो इसपे चुप है, जनता को सच से रु-बा-रु कराने का बीडा हम ब्लोग्गरों को ही उठाना पडेगा | TV चैनल्स रोज झूठ को हजारों बार दिखाते हैं, मैंने सत्य को थोड़े विस्तार से दुबारा करने की कोशिश की है | अपने पाठकों से क्षमा भी चाहुगा की ब्लॉग की परंपरा के विपरीत जाकर एक ही विषय पर दुबारा पोस्ट किया है | क्या करें ऐसी घटना पर मीडिया जगत का मौन मन मैं कई शंकाओं को जन्म दे रहा है | youtube विडियो देखने के बाद एक सवाल मन मैं बार बार रहा है - क्या भारत मैं अब हिन्दुओं की भावनाओं का कोई कद्र नहीं ? क्या मिश्र की महान सभ्यता की तरह ही हिन्दू सभ्यता को पतन की ओर धकेला जा रहा है ?
http://www.youtube.com/watch? v=o-J0mD8naAg
http://www.youtube.com/watch? v=mCEQBAqkK78
http://www.youtube.com/watch? v=ib-RvVtQsQc
http://www.youtube.com/watch? v=Ut7HebM1Eck
http://www.youtube.com/watch? v=GsXGL6HWskU
http://www.youtube.com/watch? v=gQq0-ZEGLZ4
http://www.youtube.com/watch?
http://www.youtube.com/watch?
http://www.youtube.com/watch?
http://www.youtube.com/watch?
http://www.youtube.com/watch?
हिन्दू जागृति ने भी घटना का पूरा विवरण दिया है : http://www.hindujagruti.org/news/7785.html
इसी विषय पे सुरेश जी ने भी विस्तार से लिखा है : http://sureshchiplunkar. blogspot.com/2009/09/miraj- riots-ganesh-mandal-mumbai.htm l
एक ज्वलंत आलेख अनिल जी ने भी लिखा है : http://anilpusadkar. blogspot.com/2009/09/blog- post_09.html
9 comments:
हम तो जाते राम-जान (राम-दीन) के महिने में युटुव में विडीयो देखने और देखेंगें कि किस तरह हमारे पैसों पर पलने बाले पिट्टु हमारे देश में जिहाद फैला रहें हैं
rakesh jee namaskaar
MEDIA KO SACH DIKHANE MEIN KOI PARHEZ NAHI HONA CHAHIYE ...... PAR HAMKO YE BAAT EK HINDUSTAANI KI TARAH SAMAJHNI HOGI KI BHAARAT KE MEDIA MEIN VIDESHI DAKHAL GAHRE STAR PAR KI JAA RAHI HAI.... YE SAB KO NUKSAAN PAHUNCHAAYEGI .........
अरे यूट्यूब का लिंक मत दीजिये यह तो ये लोग हटवा देंगे। इसे डाऊनलोड कर के अपने चिट्ठे पर लगाईये।
सच का सामना।
हमें अपने अतीत के गौरव को भूलना नहीं चाहिये………………………
महाराष्ट्र में गणेशोत्सव पर हुए दंगे की जितनी भी निंदा की जा सकती हो, की जानी चाहिए. बल्कि जितने भी दोषी हैं, उन्हें ऐसा दंड मिलना चाहिए ताकि भविष्य में किसी की भी ऐसा करने क्या, सोचने की भी हैसियत न रह जाये. लेकिन यहाँ तो कानून ही नपुंसक है. आप की एक बात से मैं असहमत हूँ और वो है...तुष्टि. किसकी तुष्टि, मैं भी मुस्लिम हूँ, क्या मिला है मुस्लिम्स को को इस तुष्टि के धुवांधार प्रचार से. कितने प्रतिशत मुस्लिम्स सरकारी सेवा में हैं. कितने प्रतिशत दो जून की सीधी रोटी कमा रहे हैं. साइकिल का पंक्चर जोड़ने वाले, कबाड़ बीनने वाले, फेरी वाले, ठेले वाले, खोमचे वाले, अनपढ़ यही तो है मुस्लिम तुष्टिकरण का सच जो आजादी के ६२ वर्षों बाद भी एक कलंक की तरह हम भारतीयों पुनः हम भारतीयों पर चिपका हुआ हुआ है.
अब रह जाती है बात कल्कि अवतार की. राकेश जी, मैं, सर्वत जमाल,भारतीय मुस्लिम घराने में जन्म हुआ ५३ वर्षीय भारतीय नागरिक, अपने अध्ययन, शिक्षा तथा विद्वानों से परामर्श के बाद यह कह रहा हूँ कि हज़रत मुहम्मद अल्लाह के पैगम्बर हैं न कि अवतार. अगर कोई अवतार कहता या मानता है तो माने, इसलाम में ऐसी कोई मान्यता नहीं है.
सर्वत जी आपने अपने विचारों से हमें अवगत कराया | साथ ही दोषियों के खिलाफ कारवाही करने की भी बात की ... धन्यवाद |
मैं भी ये मानता हूँ की आजादी के ६० वर्षों की बाद भी हमारे मुस्लिम समुदाय का उचित विकास नहीं हुआ है | इसका भी मूल कारन मैं तुस्तिकन ही मानता हूँ | थोडा विस्तार से समझते हैं - हर चुनाव मैं ज्यादातार पार्टियां मुसलमान भाईयों का वोट पाने के लिए कुछ ना कुछ पैकेज की घोसना करते हैं | और पैकेज वगैरह से कितना पैसा जजुरत मंदों को पहुंचेगा ... ये आप भी जानते हैं | कभी ४-५% धर्म आधारित आरक्षण देकर तो कभी किसी आतंकवादी और दोषी को को समय पर सजा ना देकर मुस्लिमों को ये दिखाया जाता है की देखो हमने तुम्हें खुस करने के लिए क्या-क्या नहीं किया अब वोट तो मुझे ही देना | मैं इस तुस्टीकरण की बात कर रहा हूँ |
क्या २५-५०% आरक्षण से किसी समुदाय का भला हो जाएगा ? यदि ऐसा हुआ रहता तो आज दलितों को आरक्षण की जरुरत ही क्यों पड़ती ? फिइ होंगेर क्यूँ धर्म आधारित को lollipop दिखाया जा रहा है ?
अरे भाई भारत का सच्चे अर्थों मैं विकास करना है तो हर भारतीय को एक समझा जाये | देश के शिने मैं यदि गोली मंदिर से आती है मंदिर उडा दो, मस्जिद से आती है मस्जिद उडा दो , चर्च से आती है तो तो ख़तम कर दो ..... या भावना जब तक नहीं आती तब तक तो हम lollipop से ही खुश रहें |
अब आते हैं कल्कि अवतार पे | हिंदी ब्लॉग मैं भाई सलीम खान , उम्र जी और भी एक दो लोग इतना कुतर्क कर रहे हैं की क्या बताएं ... बस डॉ. जाकिर की तरह एक ही रत लगाये हैं की .. मुसम्मद साहब ही कल्कि अवतार हैं इसे मानो | आपने भी शायद जाकिर नायक और उनके चेलों (सलीम खान ...) के विचार जाने ही होंगे .. खूब प्रयास किया पर वो सुनाने को तैयार ही नहीं |
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