Thursday, November 19, 2009

इसे कहते हैं सरकारी पैसों का सदुपयोग !!!!!!

दैनिक अखबारों के ऑनलाइन संस्करण पढ़ रहा था और इसी क्रम मैं मुझे टाईम्स ऑफ़ इंडिया (दिल्ली संस्करण ) मैं 9 दैनिक हिन्दुस्तान मैं 5 विज्ञापन इंदिरा गांधी जी को उनके जन्म दिवस पे समर्पित देखे (इस तरह के विज्ञापन लगभग सभी अखबारों मैं देखने को मिला )  |  विज्ञापन का स्क्रीन शाट बिना किसी काट छांट के निचे दिया है अब आप ही बताईये की ये सरकारी पैसों का सदुपयोग है या दुरूपयोग? किसानों को उचित गन्ने मूल्य पाने के लिए धरना प्रदर्शन और ना जाने क्या क्या नहीं करना पडेगा ... फिर भी उन्हें उचित मूल्य मिल पायेगा या नहीं, पता नहीं पर इस तरह के विज्ञापनों के खर्चने के लिए सरकार के पास पैसों की कोई कमी नहीं?

तज्जुब तब और बढ़ जाता है जब लाल बहादुर शाष्त्री, नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी .... आदि पूर्व प्रधानमंत्रियों के जन्म दिवस पे इस तरह के 9-10 पन्नों का विज्ञापन गायब रहता है

दैनिक हिन्दुस्तान मैं विज्ञापन

 











टाईम्स ऑफ़ इंडिया मैं विज्ञापन














Tuesday, November 17, 2009

हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन, हिन्दुओं के पैसे से .....


क्या आपने बिना जांच-पड़ताल के किसी संस्था को, जिसे आप जानते नहीं, को इन्टरनेट पे दान दिया है ? यदि हाँ, तो संभव है कि आपका पैसा क्रिश्चियन मिसनरी के पास गया हो और उन पैसे से धर्म परिवर्तन भी करवाया गया हो | मेरे एक मित्र ने वर्ल्ड वीजन को दान दे दिया होता यदि मैं समय पे पहुँच के उसे रोका ना होता | 'वर्ल्ड वीजन' (World Vision) एक ऐसी ही वैश्विक संस्था है जिसकी साखा  लगभग १०० देशों मैं फैली है | भारत में २५ राज्यों मैं इसके १६२ परियोजना निर्बाध गति से चल रही है |  'वर्ल्ड वीजन' (World Vision)  का विज्ञापन आपको अपने देश के प्रतिष्ठित अखबार ( एकोनिमिक टाईम्स, टाईम्स ऑफ़ इंडिया ....), समाचार चॅनल (CNN-IBN, NDTV) और इन्टरनेट पे आसानी से मिल जायेंगे | निचे के विज्ञापन चित्र मैंने इकनॉमिक टाईम्स से लिया है :



( लिंक http://adscontent2.indiatimes.com/photo.cms?photoID=5169038 )
| 'वर्ल्ड वीजन' का लोगो :



इनके प्रचार वाले लिंक पे क्लिक करके आप इन्हें मासिक, त्रेमासिक, या वार्षिक दान दे सकते हैं | donation वाले पेज या होम पेज से पता नहीं चलता कि ये क्रिश्चियन मिसनरी है, थोडा खंघालने पे ये मिला "We are christian" .."Motivated by our faith in Jesus Christ" (लिंक :   
http://www.worldvision.in/?Our+Core+Values) | और ये अपने बारे मैं इस प्रकार कहते हैं "वर्ल्ड विजन एक ईसाई मानवीय बच्चों के जीवन, परिवारों और गरीबी और अन्याय में रहने वाले समुदायों में स्थायी बदलाव बनाने के काम कर रहे संगठन है" |

थोडा खोज-बिन करने से एक बात तो साफ़ हो जाती है कि 'वर्ल्ड वीजन' एक क्रिश्चियन मिसनरी है जो जोर शोर से धर्म परिवर्तन कराती रही है | तहलका पत्राकार वी.के.शशिकुमार ने 'वर्ल्ड वीजन' की करतूतों का  वृस्तित रिपोर्ट "Preparing for the Harvest" (लिंक : http://www.tehelka.com/story_main.asp?filename=ts013004shashi.asp&id=1 ) लिखा | हालाँकि ये रिपोर्ट IBNLive (CNN-IBN) के लिए लिखा गया था पर आज-तक ये रिपोर्ट IBNLive पे प्रकाशित नहीं हुई | प्रकाशित होगी कैसे जब CNN-IBN में अमेरिकी चर्च "Southern Baptist Church" का भारी पैसा लगा हो ! सेकुलरों के प्रिय राजदीप सरदेसाई भी 'वर्ल्ड वीजन' को नियमित पैसा देते हैं | इस लिंक (वर्ल्ड वीजन' साईट) को क्लिक करके खुद ही देख लीजिये, राजदीप 'वर्ल्ड वीजन' के बारे मैं क्या कहते हैं :  

'वर्ल्ड वीजन' के भारतीय प्रकाशनों  या वेबसाइट पे धर्म परिवर्तन वाली बात को छुपा दिया जाता है पर विदेशी प्रकाशनों मैं भारत मैं इनके द्वारा किये जा रहे धर्म परिवर्तन कि प्रशंशा कि जाती है | September 2009 World Vision New Zealand’s report : “Held a vacation Bible school for 150 children from different villages. The children participated in games, Bible quizzes, drama and other activities. Organised a one-day spiritual retreat for 40 young people and a children’s Christmas party. Each of Dahod’s 45 villages chose five needy children to attend the party.” In Dumaria, Banka district, eastern Bihar, “the ADP (Area Development Programme ) supports local churches by running leadership-training courses for pastors and church leaders.”

बताईए भला बच्चों कि सेवा मैं बाईबिल स्कूल कि क्या आवश्यकता? बाइबल क्विज क्यूँ ?

मयुरभंज (उडीसा) वर्ल्ड वीजन रिपोर्ट : “Opposition to Christian workers and organisations flares up occasionally in this area, generally from those with vested interests in tribal people remaining illiterate and powerless. World Vision supports local churches by organising leadership courses for pastors and church leaders.”


चूँकि वर्ल्ड वीजन  लगभग हर अखबार, वेब साईट, पत्रिका, चेनल को विज्ञापन देते हैं इसलिए कोई इसके खिलाफ मुह नहीं खोलता | ऐसी स्थिति मैं हमें इन मिसनारियों कि काली करतूतों का पता कैसे चले? मुझे तो एक ही एक ही उपाय दिखता है और वो है ब्लॉग और इन्टरनेट का | लेकिन कितने लोग इन्टरनेट पे कुछ देख पाते हैं, इसलिए अपने देश, संस्कृति से प्रेम करने वालों को क्रिश्चियन मिसनरी के खिलाफ युद्ध स्तर पे मोर्चा खोलना होगा तभी कुछ बात बनेगी | ब्लोगरों से ये अनुरोध है कि विभिन्न मिसनरी की करतूतों का भंडा फोड़ कीजिये|

Wednesday, November 4, 2009

क्या इस रात की कोई सुबह नहीं ?


सभी कहते है - जब तक जीवन है, तब तक संघर्ष है |
संघर्षों के बिना संभव है जीवन? नहीं !
सोना तप कर ही तो खरा होता है और निखरता है |


किन्तु क्या संघर्षों की कोई सीमा नहीं ?
क्या ये अनंत भी हो सकते हैं ?


कब तक अपने ही घर में हमारी हिंदी दुत्कारी जाती रहेगी ?
कब हम देंगे उसे वो सम्मान जिसका हरण अंग्रेजीदा लोगों ने कर रक्खा है ?


कब तक हम हिंदी को यूँ ही बेइज्जत होते देखते रहेंगे ?
आखिर कब तक हिंदी प्रेमी संघर्ष करते रहेंगे ?
क्या इस रात की कोई सुबह नहीं ?
क्या हिंदी के मरने पर ही संघर्ष समाप्त होंगे ?


ये कैसा घोर पाप कर बैठे, हिंदी मृत्यु की कल्पना !
क्या हम संघर्षों से डर गए हैं ?
क्या डरकर अपने पूर्वजों से आँख मिला पायेंगे ?
नहीं ... नहीं ... हम कायर नहीं कहलायेंगे,
हम तो व्यथित हैं आपने ही भाईयों द्वारा माँ के अपमान पर |


हम तो हिंदी की सेवा का संकल्प ले बैठे हैं,
और संकल्प तो अगले जन्म मैं भी साथ जायेगी |
शायद अगले जन्म मैं संघर्ष ना हो, पर सेवा और प्रेम तो रहेगी !




आईये एक और संकल्प लेते हैं - Hi, Hello की जगह नमस्ते, नमस्कार का प्रचलन बढाते है |


जय हिंदी, जय भारत !