किसी पे आरोप लगाने से पहले पूरी पड़ताल कर लेनी चाहिए | मुझे लगता है कि जिस ब्लॉग के पोस्ट पर ब्लोगवानी बंद कि गई थी वो आलेख पूरी पड़ताल के बिना ही लिखी गई है | इसे समझाने के लिए ब्लोग्वानी प्रकरण से हट कर कुछ उदाहरण दे रहा हूँ :
* पिछले वर्ष गूगल से checkout करने पर $10 का discount मिलता था (one time only). मैंने अपने account से एक के बजाय २-3 transactions किया और सभी successful रहे और टोटल $30 का discount मुझे मिला, जबकि गूगल साफ़ कहता था ONLY ONE DISCOUNT WILL BE GIVEN (per a/c) | लगभग उसी समय मेरे साथी ने पहली बार google checkout try किया और उन्हें कोई discount नहीं मिला | और ऐसा कईयों के साथ हुआ था |
अब आरोप लगाने वालों के हिसाब से सोचे तो google मेरे पे मेहरबान और मेरी साथी पे दुश्मनी उतार रहा था, आप क्या कहेंगे इसपे ?
* और एक उदहारण देता हूँ इसी वर्ष microsoft - ebay cashback मैं कईयों को आसानी से discount मिला तो किसी का valid transaction होने के बावजूद कोई कैश बेक नहीं |
क्या कहें की माइक्रोसॉफ्ट कुछ लोगों से दुश्मनी निकाल रहा है?
* मेरे ब्लॉग पे कोई भी टिप्पणी आती है तो मुझे इ-मेल आती थी, अभी कुछ दिनों से किसी टिप्पणी पे इ-मेल आती है किसी पे नहीं |
अब आरोप लगाने वालों के हिसाब से सोचे तो google मेरे पे मेहरबान और मेरी साथी पे दुश्मनी उतार रहा था, आप क्या कहेंगे इसपे ?
* और एक उदहारण देता हूँ इसी वर्ष microsoft - ebay cashback मैं कईयों को आसानी से discount मिला तो किसी का valid transaction होने के बावजूद कोई कैश बेक नहीं |
क्या कहें की माइक्रोसॉफ्ट कुछ लोगों से दुश्मनी निकाल रहा है?
* मेरे ब्लॉग पे कोई भी टिप्पणी आती है तो मुझे इ-मेल आती थी, अभी कुछ दिनों से किसी टिप्पणी पे इ-मेल आती है किसी पे नहीं |
क्या कहें google मुझसे पक्षपात कर रहा है?
आरोप लगाने वालें ने ये भी लिखा है कि किसी खास विचारधारा वालों की पसंद बढती रहती है | मैंने तो सलीम भाई के पोस्ट पे पसंद ज्यादातर ऊँची ही देखि है, हालाँकि कमेन्ट गिने चुने (२-४) होते हैं पर पसंद मैं आगे रहते हैं | कंप्यूटर का जानकार ये समझ सकता है कि पसंद कैसे उंचा रखा जा सकता है | यहाँ तो मुझे ये समझ मैं नहीं आया कि सलीम भाई कि बात कर रहे हैं या किसी और की, खुल के बताया तो नहीं है |
मेरी राय मैं कोई भी प्रोग्राम १००% परफेक्ट नहीं होता, खासकर web based प्रोग्राम तो नहीं ही | कई बार cookies, trojans, proxy, DHCP.... आदि से ऐसा कमाल और गोल-माल होता है की क्या बताऊँ | वैसे गूगल मैं सर्च करके भी थोडी बहुत जानकारी इसपे हासिल कर सकते हैं | ब्लोग्वानी पे जो आरोप उन्होंने लगाया है उसपे एक software programmer हंसेगा ही | हाँ आरोप लगानेवालों ने यदि ब्लोग्वानी के सारे सिक्यूरिटी पॉलिसी और प्रोग्राम को चेक करवाने के बाद ये सब आरोप लगाये होते तो मैं या एक सॉफ्टवेर का जानकार आरोप लगानेवाले का समर्थन कर सकता था | पर ऐसा तो उन्होंने किया ही नहीं, तो उनके आरोप की मिथ्या क्यों ना कहा जाए ?
और भी कई चीजें हैं जिसका उल्लेख नहीं किया है | आशा है पठाक और आरोप लगाने वाले मेरे विचार को अन्यथा नहीं लेंगे ... मैंने वही लिखा है जो सच है ... ब्लोग्वानी से मेरा कोई दूर-दूर तक का रिश्ता नाता नहीं है (सिवाय ब्लॉग लेखन के) | मेरा पिछ्ला पोस्ट देख सकते हैं, मैंने ब्लोग्वानी के बदलाव पे भी कई शंकाएँ जताई है |
वैसे भी हम भारतीय लोग किसी अच्छा काम करनेवालों की टांग खिचाई करने मैं पीछे नहीं रहते !
वैसे भी हम भारतीय लोग किसी अच्छा काम करनेवालों की टांग खिचाई करने मैं पीछे नहीं रहते !