Sunday, October 4, 2009

हमास प्रायोजित शादी, क्या ऐसा होता है?

तस्वीरों को देख अनुमान लगाईये, इन मासूम बच्चियों का हाथ किसने पकड़ रक्खा है ? शायद बाप, चाचा, बड़ा भाई, या कोई और सम्बन्धी ही होगा ..., नहीं ... ये रिश्ता कोई और है | १० वर्षों से भी कम उम्र कि लड़कियों का हाथ पकडे कोई और नहीं बल्कि उसका दुल्हा है, जी हाँ | क्या अब भी तस्वीरें खुबसूरत लग रही हैं?




ये सारी तस्वीरें गाजा मैं उस हमास (Islamic Resistance Movement) प्रायोजित विवाह समारोह से ली गई हैं जिसमे ४५० जोडों की शादी कराई गई (अगस्त २००९) | हमास नेता महमूद जहार ने खुद ही दूल्हा-दुल्हन जोड़ी को बधाई दी | हमास की तरफ से हर दुल्हे को $500 (५०० डालर) और दुल्हन को white gown भेंट किया गया |

हमास नेता इब्राहिम सलाफ के मुताबिक - "हमास की तरफ से ये शादी का उपहार उन वीर जवानों के लिए है जो इस्राईल के खिलाफ युद्ध मैं बहादुरी से लड़े हैं" |  

यू ट्यूब विडियो लिंक : http://www.youtube.com/watch?v=RYmtaXQHEtw  

International Center for Research on Women का अनुमान है की लगभग ५ करोड़ child brides दुनिया के सभी देशों मैं हैं, जिसमे ज्यादातर देश इस्लामिक देश ही हैं | 

नोट : क्या इस तरह की खबरों को ब्लॉग का विषय बनाया जाना चाहिए? ये प्रश्न तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब ये देखता हूँ की आज की मीडिया मैं इसे खबर नहीं के बराबर आती हैं | आपकी राय महत्वपूर्ण है |

14 comments:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

राक्षस है, इससे बेहतर की उम्मीद करना ही हमारी बेकूफी होगी !

Mishra Pankaj said...

राकेश जी आपका कथन सही है लेकिन यहाँ सब अपनी मर्जी के मालिक है दोस्त

Unknown said...

मानवता के नाम पर कलंक है ये।

Unknown said...

भारत के कुछ इलाकों में अभी भी बाल विवाह देखा जाता है जो कि गलत है लेकिन वह छिप-छिपाकर होता है और उनमें अधिकतर दूल्हा-दुल्हन की उमर में कोई खास अन्तर नहीं होता… जबकि यहाँ तो खुल्लमखुल्ला सब कुछ चल रहा है… लानत है…

L.Goswami said...

शर्मनाक ..निंदनीय ..पर सच है सरकार की मुहर इसपर!..लानत है

निशाचर said...

जन्नत में मिलने वाली सुविधाओं- जिनके ख्वाब दिखाकर इन्हें "जेहाद" के लिए उकसाया जाता है- की पहली किश्त है यह शायद.

Atmaram Sharma said...

बाल विवाह समाज के माथे पर कलंक है.

सर्वत एम० said...

मन वितृष्णा से भर गया. बेटी-भतीजी बराबर मासूम बच्चियों के साथ यह ज़ुल्म है. इस्लाम के नाम पर इस तरह की शैतानी हरकतें करने वालों के के खिलाफ पश्चिमी मीडिया की जुबां बंद क्यों हो जाती है? मानवता और मानवीयता का राग अलापने वाले मुस्लिम देश इन वीभत्स, कुत्सित, यौन कुंठित मानसिकताओं के खिलाफ 'जिहाद' का नारा क्यों बुलंद नहीं करते? इन्हीं लोगों ने इस्लाम की विकृत छवि बनाई है और मुसलमानों को बदनाम किया है. भाई, आप को साधुवाद, आप से अपेक्षा है कि आप ऐसे ही हर ज़ुल्म, बुराई, अमानवीयता के खिलाफ 'जिहाद' जारी रखेंगे.

संगीता पुरी said...

इन चित्रों को देखकर कुछ कह पाने की भी स्थिति में नहीं हूं !!

स्वप्न मञ्जूषा said...

छी: छी: छी: छी: छी: छी: छी: छी: छी: छी:!!!

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

लानत है!!
इन चित्रों को देखकर तो कुछ कह पाने की स्थिति रह ही नहीं गई है । ये लोग दूसरों के चिट्ठों पर बकवास करने तो मिनट में पहुँच जाते हैं,अब ये सब देखकर क्यूँ जुबान बन्द हो जाती है इन लोगों की । किस मुँह से अपनी शान में कसीदे पढते हैं ये लोग....

Mumukshh Ki Rachanain said...

अब क्या कहें, समाज को समाज के ठेकेदारों को, पढ़े -लिखों को, बड़ों को, बुजर्गों को, समझदार अनाडियों को....

कुछ कहना बेकार है.......... करना उन्हें सब ओनी मर्ज़ी से.........मेरी मर्ज़ी.... अंहकार को दर्शाने वाला.....

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

Dr. Shashi Singhal said...

वास्तव में जब चित्र देखा तो बडा़ सुंदर लगा लेकिन जब पोस्ट पर नजर पडी़ तो सारी सुंदरता रखी रह गई । लानत है ऎसे लोगों पर । ऎसी घटनाएं समाज के नाम पर कलंक हैं ।

Mohit Verma said...

https://www.snopes.com/fact-check/false-critical-mass-wedding/