मैं बकवास कर रहा हूँ, ऐसा सोचने से पहले कृपया कर आप ये यू ट्यूब विडियो देख लीजिए :
अब तो विश्वास हुआ? जब मुझ पर विश्वास हुआ है तो पुरी पोस्ट पढ ही लीजिये | इस विडियो को लगभग २ लाख २० हज़ार बार देखा गया है | और मेरा अनुमान है की कम से कम ४-५% हिन्दुओं ने (मुस्लिम तो शायद ७०%) इसे सच ही माना होगा | डॉ. जाकिर नायक जैसे लोग इन्ही ४-५% लोगों को इस्लाम काबुल करवाने का टारगेट बनाते हैं | जब ८-१० हज़ार लोग जो ये इस प्रकार के विडियो को सच मान लेते हैं, उसमे से कम से हज़ार दो हज़ार तो इस्लाम काबुल कर ही लेते होंगे | यही तो डॉ. जाकिर और उनके चेलों का उद्देश्य है |
जब हमारे शंकराचार्य ही कुरान का प्रचार कर रहे हैं तो हम भी कुरान की सरण में चलें, क्यों? चलिए लगे हाथों ये भी बता दूँ कि ये शंकराचार्य नकली हैं | ये विडियो भी देख ही लीजिए:
हिन्दुओं के साथ ये धोखा किया है (और आगे भी करते रहेंगें), इस्लाम के जानेमाने विद्वान ज़ाकिर नायक ने | ज़ाकिर नायक या नकली बाबा ने ये नहीं बताया की किस मठ के शंकराचार्य हैं ये? वैसे ढेर सारे लोगों ने भी जाकिर नायक को खुली चुनौती दी है की बताएं ये ढोंगी किस मठ के शंकराचार्य हैं और जिसका जवाब आज तक ज़ाकिर साहब ने नहीं दिया है | ज़ाकिर साहब जवाब देने से हिचकिचा रहे हैं, चलिए मैं ही बता देता हूँ | ये गेरुआ वस्त्र पहना ढोंगी कोई और नहीं बल्कि ज़ाकिर नायक के मदरसे के शंकराचार्य हैं | मदरसे भी अब शंकराचार्य बनाने लगे हैं, ज़ाकिर नायक ने मदरसे मैं क्रांति ला दी है | इस क्रांति पे आप कुछ कहना चाहेंगे?
As usual our secular brothers will call me wrong or keep quiet. Oh, I fogot seculars may also say Fake Sankaracharyaa is right.
नोट: अंग्रेजी मैं लिखने के लिए क्षमा चाहूँगा, क्या करूँ सेकुलर ज्यादातर विदेशी भाषा प्रिय है तो उन्हें अंग्रेजी ज्यादा अच्छी समझ मैं आएगी |
क्षमा चाहूँगा यदि किसी बंधू ने इस विषय पे पहले ही पोस्ट की हो | पर मुझे लगता है कि हर महीने - दो महीने मैं इसपे एक आलेख आना चाहिए |
Wednesday, October 7, 2009
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51 comments:
अपने प्रचार के लिए और कितना गिरेंगे ये लोग?
जी आपने खुद ही शंका का समाधान कर दिया है.... हम तो मानते हैं कि प्रेम और युद्ध में सब जायज है... सो यह धर्मों की युद्ध है..हम तो इससे अलग रहेंगे. और सभी को अपनी अपनी बुद्धि का प्रयोग करने का अवसर देंगे कि वह इस बारे में क्या सोचते हैं :)
मेरे ख्याल से इन तथाकथित शंकराचार्य जी ने कुछ भी गलत नहीं कहा..अगर किसी धर्म में कोई अच्छाई है तो हमें उसे अपनाने से गुरेज़ नहीं करना चाहिए..
हिन्दु-मुस्लिम-सिख-इसाई
हम सब आपस में हैँ भाई-भाई
AAP COURT MENAEK APEEL DAYAR KAREN AUR IS SHANKARACHARYA KA PATA LAGAYEN. HINDI BLOG KE HAZARON HINDUON KA SAWAAL HAI BHAI...
KAROGE YE TUM. CHALLENGE AISA NAHIN KAROGE KYUNKI TUMHEN TO PURWAGRH KII BHIMARI JO LAGI HAI
AGREE WITH TANEJA.
AND MORE THING THE SHAKNKARACHARYA BELIVE IN "NIRAKAR BRHMA" DO U KNOW
Nirbheek hoke likha hua aalekh!
These ghouls can go upto any level to convert more people. After 'love jehad' this is another ugly act of them. I think, we should reply them in same way.
जाकी रही भावना जैसी,जिन्हे सिर्फ़ जीतने की चाह हो वो भी किसी किमत पर उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है।सलीम भाई कह रहे तनेजा जी से सहमत और तनेजा जी कह रहे हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई,हम सब है आपस मे भाई-भाई।तो सलीम भाई ज़रा अपने भाईयो से कह दे कि अपने ही भाईयों को बुरा-भला कहना बंद कर दें।
यह सब भी होता है !!!
हम सब है भाई भाई :) :) :)
राकेश भाई , आपने सही किया है ऐसे नौटंकी खेलने वालो के बारे में बताकर नहीं तो अपने यहाँ तो कितने है ऐसे कि पानी में आग लगाकर सबको बेवकूफ बनाते है .
@ तनेजा जी , मै आपकी बातो से सहमत नहीं हु अगर धर्म सब बराबर है तो किसी धर्म की वकालत किसलिए ? जो जहा है रहने दीजिये फिर क्या जरुरत है इस तरह के विडियो बनाने की ?
भाई जी , आपके ब्लॉग पर जो भी पोस्ट आती है सारगर्भित होती है.आजकल कई जगह कुछ ब्लॉगर भाई इन जैसे अन्य कुकर्मियो के कृत्य से दुखी होकर उनके नाम से पोस्ट पर पोस्ट ठेल रहे हैं . ऐसे में उनका ही प्रचार हो रहा है . कृपा कर अब सभी लोग इस दो पागल धर्मभिरुओं के ऊपर लिखना बंद करें सब ठीक हो जायेगा . मुद्दों की कमी नहीं है हम खुद कहते हैं धर्म पर इस तरह अनर्गल बहस बंद हो परन्तु दूसरे ही दिन इसी बहस में कूद पड़ते हैं ! क्या हमारे दिन इतने फ़िर गये हैं कि किसी कट्टरपंथी के नाम से पोस्ट लगनी पड़े . मैंने अपने दिल की बात कह दी आशा है आप आग्रह को ठुकरायेंगे नहीं
जयराम जी सही कह रहे है इनको नजरअंदाज करिए सब शांत हो जाएगा .
मेरी एक पोस्ट पर अर्ज ज्ञानदत्त जी की टिप्पणी में ही सार है |
ज्ञानदत्त पाण्डेय ने कहा .
जितना इस तरह के लोगों का उल्लेख करो, उतना भाव खाते हैं। इनकी खराब पब्लिसिटी इनकी पब्लिसिटी है!
sahee kahaa, yeh bhee ek sochi samjhee chaal hai !
अब हम क्या कहें....सभी गुणीजन तो बहुत कुछ कह ही चुके हैं!!!
ज़ाकिर इस्लाम का कुसुरवार है उसने इस्लाम को शर्मिन्दा किया है!
इस्लाम पवित्र धर्म है और अल्लाह जाग्रत और शक्तिशाली है,जाकिर जैसे फ़्राडॊं को उनके किये कि सज़ा खुद ब खुद अल्लाह ताला जल्द देगा!
@राजीव जी, पंकज जी से सहमत हूँ की - अगर धर्म सब बराबर है तो किसी धर्म की वकालत किसलिए ?
@(अ)स्वच्छ संदेश सलीम मियां आपने ये कहा हैं - "APEEL DAYAR KAREN AUR IS SHANKARACHARYA KA PATA LAGAYEN.". मठ मैं तो ढूंढा कहीं नहीं मिले क्योंकि नकली लोग मठ मैं नहीं मदरसे मैं ही मिल सकते है | अब हम किस किस मदरसे मैं जाकर इस मदरसा product शंकराचार्य को ढूंढे? हाँ आप चाहें तो अपने गुरु जाकिर मियां से hotline पे बात करके जानकारी ले सकते हैं की ऐसे नकली शंकराचार्य कैसे और कहाँ बनाये जाते हैं |
@अमित जी मैं आपकी बात से सहमत हूँ "attack is the best defenec".
@पंकज जी, जयराम जी, वरुण जी - कश्मीर मैं कम से कम १०८ मंदिर थोड़े गए, कश्मीरी पंडितों को मारा काटा गया, मंदिरों मैं बन विस्फोट, हिन्दू लड़कियों को अगवा करने के लिए लव जेहाद, ...... | जाकिर नायक विश्व स्तर पे ये fake विडियो अन्य देशों मैं भी दिखा रहे हैं, रोज हल्ला कर रहे हैं हिन्दुओं इस्लाम कबूलो | घर मैं घुसकर डाका दाल रहे हैं, फिर भी हम चुप है.... क्या करें मजबूरन गलत चीजों को देख कर भी चुप ही रहना पड़ता है, क्योंकि विरोध के लिए लोगों का साथ मिलने से रहा |
वैसे मैं भी कई टिप्पणी मैं आपकी तरह ही यही कहता आया हूँ की इनको ignore करो? लेकिन अब मुझे ये लगता है की इगनोरे की भी एक सीमा होती है |
अब ये भी बता देता हूँ की ये पोस्ट मैंने क्यों लिखी| कल ही मेरे दो मित्रों ने मुझे ये विडियो दिखा कर कहा की देखो शंकराचार्य क्या बोल रहा है? मैंने पुछा, की तुम्हें क्या लगता है ? वो बोले जब विडियो सामने बोल रहा है तो इसे सच मानते हैं | फिर मैंने उन्हें सिद्ध किया की ये मदरसा product नकली शंकराचार्य है | मेरा दावा है की पहली वाली विडियो देखकर एक आम आदमी धोखे मैं आ जाता है | क्या इस तरह के धोखे को हम आँख मुंद कर बस ignore करते रहें?
kya in shnkrachary ne khtna kara liya
शर्मनाक. धोखाधड़ी इतनी बढ़ गई! क्या करें बेचारे जात से मजबूर है. बेइमानी तो इनकी जड़ में है. ज़ाकिर नाइक क्यों नहीं बताते कि ये किस पीठ के शंकराचार्य हैं? लगता है क़यामत पास आने वाली है क्या जवाब देंगे ये अपने गुनाहों का?
जब से पहली टिप्पणी थी..अपने प्रचार के लिए कितना गिरेंगे लोग..मैं कहता हूं कि गिरे हुए क्या गिरेंगे।
अगर खुद भी होता जमीं पर, उसको भी बेच देते किसी बाजार में।
तो दीन ईमान की औकात।
ये लोग ही मुम्बई हमलों के समय कह रहे थे कि ये काम हिन्दू दहशतगर्दों का है क्यों कि उनकी कलाई पर लाल कलावा बँधा है. सारे मुसलमान और उर्दू अखबार आक्रमणकारियों को हिन्दू बताते नही थक रहे थे पर बाद में कौन दोषी निकला इन्ही के भाई बन्धु ना ! अरे जल्द ही ये मदरसा प्रोडक्ट भी सामने आएगा अपनी असलियत लिए, मुँह काला किए.
जो अपनी बहनों को बीवी बना डालते हैं उनका ईमान भी होता है कुलवंत भाई?
प्रिय राकेश,
इस प्रकार की गतिविधियाँ सदियों से चली आ रही हैं । फिर भी हिन्दु धर्म फल-फूल रहा है । इन निम्नस्तरीय हथकंडों से हिन्दू कभी भयभीत नहीं होंगे अगर आप जैसे युवा साथी उन्हें सतर्क करते रहेंगे । जो धर्म इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त हो रहा हो आप उनकी हताशा का अनुमान लगा सकते हैं..... हमारा धर्म विवेक और प्रज्ञा पर आधारित है.... हमें किसी से द्वेष नहीं है... हम किसी को नहीं ललचाते कि वह हिन्दू बने क्योंकि हिन्दू लालच या आतंक से नहीं बनाए जाते वे आप जैसे युवाओं की तरह संसकार से बनते हैं......श्री राम की जय....श्री हनुमान की जय..... सभी का कल्याण हो....
The website of Center for Divine Knowledge.... www.divinepreachings.com is under maintenance. It will be visible soon.
@राकेश सिंह जी एवं पंकज जी मैँ आप की बात से सहमत हूँ कि- अगर धर्म सब बराबर है तो किसी धर्म की वकालत किसलिए?... लेकिन अपने दही को खटा कौन कहता है भला?...
मैँ हिन्दू हूँ इसलिए मुझे मेरा धर्म प्रिय है और जो मुस्लिम हैँ...उन्हें उनका धर्म प्रिय है। मैँ अपने धर्म की तरफदारी करता हूँ और वो अपने धर्म का पक्ष लेते हैँ...मेरे ख्याल से हमें परिपक्व सोच के साथ एक दूसरे के धर्मों की अच्छाईयों को अपनाने में किसी भी प्रकार से हिचकना नहीं चाहिए।
@ राजीव जी तो क्या इस्लाम धर्म की वकालत हिन्दू धर्म के (नकली) शंकराचार्य से करानी चाहिए ? अपने दही को खट्टा मत कहो का ये मतलब तो नहीं है की दुसरे के दही वाली कढाई को फोड़ दो ?
@ राकेश सिंह जी,अब अगर कोई अपनी स्वेच्छा से किसी धर्म विशेष की तारीफ करता है तो ये उसका अपना..निजी फैसला है।उसे जो उचित लगा...उसने वो किया।लिहाज़ा इसमें हम या आप भला कर ही क्या सकते हैँ?
हाँ!..अगर वो कथित शंकराचार्य सचमुच में हिन्दू नहीं बल्कि मुस्लिम हैँ और गलत नीयत से एक हिन्दू मठाधीश का वेष धर कर आम लोगों को बरगलाने की कोशिश या शड़यंत्र रच रहे हैँ..तो उनका ऐसा करना सरासर निन्दनीय है... गलत है।
मेरे एक मुस्लिम मित्र हैँ निज़ामुद्दीन नाम के..वो पाँचो वक्त तो नहीं लेकिन जुम्मे के दिन नमाज़ पढने मस्जिद ज़रूर जाते हैँ...वे इस रविवार को मेरे साथ राधा-स्वामी सतसंग सुनने के लिए छतरपुर वाले आश्रम जा रहे हैँ।उनके बारे में आप क्या कहेंगे?...
इसके अलावा पाकिस्तान में मेरी एक मित्र हैँ नाज़नीन...वो हमारे हर त्योहार पर हमें मुबारकबाद देती हैँ और उनके हर त्योहार पर हम उन्हें...इसके बारे में आप क्या कहेंगे?..
या फिर शाहरुख खान के बारे में क्या कहेंगे?... जिनके घर में बकायदा गीता भी पढी जाती है और कुरान भी पढी जाती है।
और सलमान खान जी के बारे में क्या कहेंगे?...उनके घर तो गणेश पूजा भी की जाती है।
मित्र,आप ठण्डे दिमाग से सोच के देखें...इस लड़ाई-झगड़े में सिवाय नुकसान के कुछ नहीं धरा है...चाहे चीन हो या अमेरिका...ये बाहरी ताकतें तो अपना वर्चस्व फैलाने के लिए यही चाहती हैँ कि हम किसी भी कीमत पर एक ना हो पाएँ...हमें अपनी आपसी समझबूझ से ऐसी अलग-थलग करने वाली ताकतों के विनाशकारी मंसूबों को आपसी भाई-चारे और हिम्मत से तोड़ना होगा...
मैँ ये नहीं कहता कि सिर्फ हम ही झुकें...ना ही ये भी चाहता हूँ कि कोई और भी झुके।झुकने का सवाल तो तब पैदा होता है मित्र जब हम में से कोई छोटा हो और कोई बड़ा..ईशवर ने जैसे हमें पैदा किया है..वैसे ही उन्हें भी...उसकी नज़र में सब बराबर हैँ।
इसलिए हमें आपस में सारे वैमनस्य भुला कर एक हो जाना चाहिए।
हिन्दु-मुस्लिम एकता...ज़िन्दाबाद...ज़िन्दाबाद...
जय हिन्द ...भारत माता की जय
@राजीव जी लगता है पोस्ट आपने ठीक से पढ़ी नहीं है | मेरे पोस्ट का विषय है नकली शंकराचार्य को अपने फायदे के लिए कुछ से कुछ कहलवाना | और पोस्ट मैं मैंने यही सिद्ध किया है की ये गेरुवा वस्त्र धारी नकली शंकराचार्य है जिसे जाकिर नायक ने बनवाया है | बस मैं इतना ही तो कहा है | इसमें मैंने कहीं पुरे मुस्लिम समाज को दोषी नहीं ठहराया है | दोषी हैं जाकिर नायक जैसे लोग |
बस बात यहीं ख़तम है ... जब ये सिद्ध है की ये लोग लोगों को धोखा दे रहे हैं तो बात को इधर उधर घुमाने से सत्य तो नहीं बदल जाएगा ? मुझे लगता है आप गलत रूप से शाहरुख़ खान और किसी और का उदाहरण दे रहे हैं |
इतनी छोटी सी पोस्ट है और मेसेज भी clear है | आप साफ़ साफ़ बोलिए की नकली शंकराचार्य से ये सब अपने प्रचार के लिए कहलवाना सही है या गलत ? इधर उधर की बात करके अपना समय क्यूँ बर्बाद करना | हम भी कहते हैं हिन्दू-सुम्लिम भाई भाई और ना ही हमने जाकिर नायक या सलीम खान जैसा वैमनष्य फैला रहे हैं | हम तो सिर्फ और सिर्फ उनकी झूठी करतूतों का पर्दाफास किये है ... बस | और झूठ की निंदा होनी ही चाहिए | मैं आपको निंदा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता, पर कृपया विषय नकली शंकराचार्य की बात कीजिये ...
साहब फिराक गोरखपुरी ने एक शेर में कहा है की-
'हम तो इंसान को दुनिया का खुदा कहते हैं'
उन्ही की तर्ज़ पे कुछ पंक्तियाँ हैं -
'जिन्हें भरोसा नहीं खुद पे वो बदलते फिरें खुदा,
हम तो फिराक तेरे खुदा को दिल दे बैठे.
बड़े खुदा हों मुबारक बड़े लोगों को,
हम तो छोटे हैं, छोटे खुदा के संग जा बैठे.
कब कहा खुदा ने कि बाँट दो मुझको,
वो तो हम हैं जो खुद को ही बाँट के बैठे.'
दीपक 'मशाल'
माफ़ करें जनाब हम सब निकले थे हिंदी को बढावा देने, बेहतर था अपने अपने खुदा को दिल में ही रखते. ये तो वही बात हुई कि 'निकले थे हरी भजन को, ओटन लगे कपास'
swarnimpal.blogspot.com
- दीपक जी लगता है आपके हिसाब से धोखा करने वाला दोषी नहीं बलकी धोखे का पर्दाफास करने वाला कसूरवार हैं, क्यों?
गलत और धोखे चीजों को जानकर भी उसकी निंदा ना करना क्या कुछ सिद्ध नहीं करता ?
तनेजा .....तुम्हे लगता है की तुम्हारी बातो में तर्क है? मेरे हिसाब से अगर ऐसा है तो तुम पागल हो.....
जबरजस्ती वाली बात करते हो यार..... सबको बोलने की स्वतंत्रता है तो इसका मतलब ये थोड़े हुआ की तुम किसी को गाली दो.... तुम्हारा इसलाम मित्र (जो कोई भी हो जानने की लिए तुम्हारा बेकार कमेन्ट फिर से पड़ना पडेगा) अगर वो गाली दे आपको या आपके किसी परिवार वाले को, आप उसकी फिर भी वकालत करोगे की ये उसकी सोच है? भाई मेरे, पता नहीं आप मेरी बात से सहमत होगे या नहीं लेकिन मै तो चाहूँगा की आप उसकी बोलती बंद कर दो इससे पहले की उसकी आवाज निकले.... अपने सोच का प्रचार करो किसी के सोच की बुराई नहीं....
हम आलसी आदमी है टिपण्णी करने से हमेसा कतराते है लेकिन यहाँ मुझे थोडी पीडा हुई की लोग ऐसा भी करते है ओर उससे भी ज्यादा की आप जैसे लोग ऐसा सोचते है... मेरे एक नहीं कई मुस्लिम मित्र है, हम ईद में उनके घर जाते है वो हमें हमारे किसी भी मौके पर भूलते नहीं, लेकिन वो मस्जिद जाते है मै मंदिर जाता हूँ.... अगर वो आपने धर्म को माने मै थोड़े ही रोकता हूँ, प्रचार करे अगर उनको लगता है वो जरुरी है, लेकिन अगर वो हमारे धर्म की बुराई करे तो आप सुनिए .....
अंत में आपको एक सुझाव देता हूँ, अगर आपको जन सामान्य का ज्ञान नहीं हो तो इसतरह का विचार रखने से बचे.!
किसे ने 'निकार ब्रम्हा' की बात की है, ईमानदारी से बोलू तो मुझे बहुत नहीं पता इसका मतलब मुझे लेकिन जहाँ तक मुझे मालूम है यहाँ ये नीच
स्तर के विचार और प्रचार में किसी को 'निकार ब्रम्हा' कहा से दिख गया? आपको
कोई नोटिस करे इसके लिए आप कुछ भी लिखोगे क्या?
@राकेश सिंह जी सुप्रभात,मैँने अपने किसी भी कमैंट के जरिए ये नहीं चाहा कि मैँ बहस को बढावा दूँ...
'जाकिर नायक' को तो मैँने बिलकुल भी सही नहीं कहा और रही नकली शंकराचार्य की बात तो इसके लिए भी मैँने यही लिखा कि...
"हाँ!..अगर वो कथित शंकराचार्य सचमुच में हिन्दू नहीं बल्कि मुस्लिम हैँ और गलत नीयत से एक हिन्दू मठाधीश का वेष धर कर आम लोगों को बरगलाने की कोशिश या शड़यंत्र रच रहे हैँ..तो उनका ऐसा करना सरासर निन्दनीय है... गलत है"...
बाकी जैसा आपको उचित लगे...आप वैसा करें..मैँ इस मुद्दे को यहीं विराम देता हूँ
हे इश्वर !!!!! क्या कहा जाय इन्हें....
ऐसे लोगों की जितनी बुराई की जाए कम है ...... दरअसल किसी भी धर्म प्रचार का ये माध्यम गलत है ....... नीच है .....
राकेश सिंह जी,
ये विडियों मेरे पास भी है.... आपने ये तो देख लिया कि शंकराचार्य ने क्या कहा लेकिन बाद में उनके बयान पर डां. ज़ाकिर नाइक ने क्या टिप्पणी की वो नही देखा.... मेरे पास इसका पुरा विडियों है वो मैं आपको भेजुंगा तब देखियेगा.... ज़ाकिर नाइक ने शंकराचार्य की कही हर बात को सही नही कहा है.... कुछ बातें है जिन्हे सही कहा है बाकी बातों में कमीं भी निकाली है............ये विडियो एक पब्लिक लेक्चर की है कहीं स्टुडियों में शुट नही की गयी है.......अगर आप कह रहे हो की ये शंकराचार्य नकली है तो आप इस बात को साबित करो........निकाल कर लाओं उस मठ का पता...
डां.ज़ाकिर नाइक से आप भी पुछों.....और मैं भी पुछुंगा.... उनकी वेबसाइट का पता है और नीचे उनके ई-मेल ऐड्रेस है जो मुझे उनकी वेबसाइट से मिले हैं...
www.irf.net
iis@irf.net
zakir@irf.net
अगर आपको कोई जवाब मिले तो मुझे बताइये अगर मुझे मिला तो आपको बताऊंगां
@काशिफ़ जी पहले ये तो बताईये की ये शंकराचार्य किस मठ के शंकराचार्य हैं?
आपके जानकारी के लिए फिर से ये बता दूँ की कई लोगों ने जाकिर नायक को पूछा है ... पर कोई जवाब नहीं आया | और आयेगा भी कैसे क्योंकि ५ मठ मैं से ये किसी मठ के शंकराचार्य नहीं हैं | अब कोई छठा शंकराचार्य का मठ हो तो हमें भी बताईये |
Rakesh,
bahut hi sarthak post likhi hai tumne...agar aisa hai jiski sambhavna atyadhik hai to fir iski bhartsna jii bhar kar honi chahiye...
aise pakhand ki jitni bhi ninda ki jaaye kam hain..
Didi
@ राकेश जी, मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि हिन्दुस्तान में कितने मठ है और एक वक्त में एक मठ में कितने शंकराचार्य है..???
ये विडियो तकरीबन 7-8 साल पुरानी है...अब पता कीजिये की सात-आठ साल पहले किस मठ में कौन-शंकराचार्य थे...
और अगर आप कह रहे है की कई लोगों ने ज़ाकिर नाइक से पुछा और कोई जवाब नही मिला लेकिन आपने कैसे यकीन कर लिया की किसी ने उनसे पुछा भी था या नहीं????
जहां तक मैं ज़ाकिर नाइक को जानता हूं वो हर सवाल का जवाब देते है...मैं आपको सारी डिटेल देता हूं आप उनसे खुद संम्पर्क कीजिये और मैं भी करता हूं देखते है कि जवाब आता है या नही...
IRF का पता :- 56/58 Tandel Street (North), Dongri, Mumbai :- 400 009
Phone No. :- (022) 23736875
Fax No.:- (022) 23730689
Website :- www.irf.net
E-mail Addresses :-
iis@irf.net
zakir@irf.net
islam@irf.net
आप यहां अपने ब्लोग पर हज़ार-दो हज़ार हिन्दुओं की चिंता कर रहे हो तो उनको बचाने के लिये हज़ार-दो हज़ार कोशिश कर लो या जानकारी करने के लिये हज़ार-दो हज़ार रुपये खर्च कर लो....
अगर आपको कोई जवाब मिले तो मुझे बताइये अगर मुझे मिला तो आपको बताऊंगां
@कासिफ जी एक ही चीज को आप रेट जा रहे हैं | मैंने कई बार कहा है की ये जो शंकराचार्य दिखाया है वो fake है, किसी मठ के हैं ही नहीं .. पूरा serach के ही पोस्ट लिखा है ... कोई ऐसा शंकराचार्य हुआ ही नहीं है (8-10 varsh pahle bhi nahin).... अब आप ये बात समझ ही नहीं रहे हो और फालतू का बहस जारी रखें है |
आपकी भाषा एक बात साफ़ कहती है की आप जाकिर नायक genuine हैं जबकि मेरा ही नहीं लगभग सभी हुन्दुओं के साथ साथ कई मुसलामानों का भी ये मानना है की जाकिर नायक लोगों को बरगलाने के लिए मशहुर हैं | मेरे ये पोस्ट देखिये http://raksingh.blogspot.com/2009/09/blog-post_03.html
मैंने सलीम मियाँ को भी कहा है और आपको भी कह रहा हूँ ... हमने जाकिर नायक पूछा पर कोई जवाब नहीं आया ... अब जाकिर नायक से पता कीजिये और बताईये .... जब तक आप लोग ये नहीं बताते पाते तब तक टिप्पणी करने से कोई फायदा नहीं है | कृपया कर पहले उनसे पता कीजिये फिर टिप्पणी कीजिये .... फालतू के बहस मैं आपका मेरा और लोगों का समय बर्बाद होता है
sir me appka shukriya karta hoo tahe dil se dhanyawad hme jagruk karne k liye apne jis parkar pardafash kiya hai kabile tarife hai parntu hindu itana nasamajh nhi ki kalyugi shankracharya ke bhakave me dharm parivartan kare or aap jase deshbhakto ke hote mumkin hi nhi ki ham kisi bhi jhase me aye desh ko jagrit karne ke leye aap jase hi deshbhakt chahiye jis desh me guru gobind singh , veer hakikat rai ne janm liya ho or kuarbaniya di ho wo desh kabhi bhi kamjor nhi hoga plz sir agr mene kuch galat likha ho to me shama mangti hoo
islam is best religion it is original sanatan dharma.
राकेश सिंह jee, agar wo admi hindu nahi tha, to zakir nayak ne hindu dharm ka apman kiya hai. to bhai aap zakir nayak ke khilaf court me case file karein, sachhai samney ajayegi. Musalimo ko bhi zakir nayak ki sachhai pata chal jayega.....
Zabiullah Khan
ज़बिउल्ला जी जाकिर नायक के खिलाफ कुछ केस फाइल हुआ है पर अपने देश की अदालत का हाल तो आप से छुपा नहीं ही होगा ... कुछ मुस्लिम संगठनों ने फतवा भी जारी किया है. यदि आप खुले मन से जाकिर नायक को सुनेंगे तो पायेंगे की उनका उद्देश्य है दुसरे धर्मों को नीचा दिखाकर इस्लाम का प्रचार. मेरा स्पस्ट मानना रहा है की अपने धर्म का प्रचार करो पर दुसरे धर्मों को नीचा दिखाकर नहीं.
गांधी जी के रास्तें पर चलने का सबसे अच्छा तरीका यही है सब हिन्दू इस्लाम स्वीकार कर लें
www.hindusthangaurav.com
@Taneja.
Personal friendships and personal interest in 'religious discourses' do not prove that Islamics are Secular by large.
Shahrukh, Salman have a big market (and fans' gallery), which is harnessed by such Secular Gimmickry.
Gullible Hindus like you blindly accept it all as their Secular Credentials as disbelief/distrust/intolerance is not a strain of Hindu DNA.
हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) और भारतीय धर्मग्रन्थ
सत्य हमेशा स्पष्ट होता है। उसके लिए किसी तरह की दलील की ज़रूरत नहीं होती। यह बात और है कि हम उसे न समझ पाएँ या कुछ लोग हमें इससे दूर रखने का कुप्रयास करें। अब यह बात छिपी नहीं रही कि वेदों, उपनिषदों और पुराणों में इस दृष्टि के अन्तिम पैग़म्बर (संदेष्टा) हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के आगमन की भविष्यवाणियां की गई हैं। मानवतावादी सत्य गवेषी विद्वानों ने ऐसे अकाट्स प्रमाण पेश कर दिए, जिससे सत्य खुलकर सामने आ गया है।
वेदों में जिस उष्ट्रारोही (ऊँट की सवारी करनेवाले) महापुरुष के आने की भविष्यवाणी की गई है, वे मुहम्मद (सल्ल.) ही है। वेदों के अनुसार उष्ट्रारोही का नाम ‘नराशंस’ होगा। ‘नराशंस’ का अरबी अनुवाद ‘मुहम्मद’ होता है। ‘नराशंस’ के बारे में वर्णित समस्त क्रियाकलाप हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के आचरणों और व्यवहारों से आश्चर्यजनक साम्यता रखते हैं। पुराणों और उपनिषदों में कल्कि अवतार की चर्चा है, जो हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) ही सिद्ध होते हैं। कल्कि का व्यक्तित्व और चारित्रिक विशेषताएं अंतिम पैग़म्बर (सल्ल.) के जीवन-चरित्र को पूरी तरह निरूपित करती हैं। यही नहीं उपनिषदों में साफ़ तौर से हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) का नाम आया है और उन्हें अल्लाह का रसूल (संदेशवाहक) बताया गया है। पुराण और उपनिषदों में यह भी वर्णित है कि ईश्वर एक है। उसका कोई भागीदार नहीं है।बौद्धों और जैनियों के धर्मग्रन्थों में भी हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के बारे में भविष्यवाणियां की गई हैं।
पंडित वेद प्रकाश उपाध्याय का निर्णय
पंडित वेद प्रकाश उपाध्याय ने लिखा है कि जो व्यक्ति इस्लाम स्वीकार न करे और मुहम्मद (सल्ल.) और उनके दीन को न माने, वह हिन्दू भी नहीं है, इसलिए कि हिन्दुओं के धार्मिक ग्रन्थों में कलकी अवतार और नराशंस के इस धरती पर आ जाने के बाद उनको और उनके दीन को मानने पर बल दिया गया है। इस प्रकार जो हिन्दू भी अपने धार्मिक ग्रन्थों में आस्था रखता है, अल्लाह के रसूल मुहम्मद (सल्ल.) को माने बिना मरने के बाद के जीवन में नरक की आग, वहाँ अल्लाह के दर्शन से महरूमी और उसके सर्वकालिक प्रकोप का हक़दार होगा। to know more read my note
http://www.facebook.com/note.php?note_id=128789783903111
हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) और भारतीय धर्मग्रन्थ
सत्य हमेशा स्पष्ट होता है। उसके लिए किसी तरह की दलील की ज़रूरत नहीं होती। यह बात और है कि हम उसे न समझ पाएँ या कुछ लोग हमें इससे दूर रखने का कुप्रयास करें। अब यह बात छिपी नहीं रही कि वेदों, उपनिषदों और पुराणों में इस दृष्टि के अन्तिम पैग़म्बर (संदेष्टा) हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के आगमन की भविष्यवाणियां की गई हैं। मानवतावादी सत्य गवेषी विद्वानों ने ऐसे अकाट्स प्रमाण पेश कर दिए, जिससे सत्य खुलकर सामने आ गया है।
वेदों में जिस उष्ट्रारोही (ऊँट की सवारी करनेवाले) महापुरुष के आने की भविष्यवाणी की गई है, वे मुहम्मद (सल्ल.) ही है। वेदों के अनुसार उष्ट्रारोही का नाम ‘नराशंस’ होगा। ‘नराशंस’ का अरबी अनुवाद ‘मुहम्मद’ होता है। ‘नराशंस’ के बारे में वर्णित समस्त क्रियाकलाप हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के आचरणों और व्यवहारों से आश्चर्यजनक साम्यता रखते हैं। पुराणों और उपनिषदों में कल्कि अवतार की चर्चा है, जो हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) ही सिद्ध होते हैं। कल्कि का व्यक्तित्व और चारित्रिक विशेषताएं अंतिम पैग़म्बर (सल्ल.) के जीवन-चरित्र को पूरी तरह निरूपित करती हैं। यही नहीं उपनिषदों में साफ़ तौर से हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) का नाम आया है और उन्हें अल्लाह का रसूल (संदेशवाहक) बताया गया है। पुराण और उपनिषदों में यह भी वर्णित है कि ईश्वर एक है। उसका कोई भागीदार नहीं है।बौद्धों और जैनियों के धर्मग्रन्थों में भी हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के बारे में भविष्यवाणियां की गई हैं।
पंडित वेद प्रकाश उपाध्याय का निर्णय
पंडित वेद प्रकाश उपाध्याय ने लिखा है कि जो व्यक्ति इस्लाम स्वीकार न करे और मुहम्मद (सल्ल.) और उनके दीन को न माने, वह हिन्दू भी नहीं है, इसलिए कि हिन्दुओं के धार्मिक ग्रन्थों में कलकी अवतार और नराशंस के इस धरती पर आ जाने के बाद उनको और उनके दीन को मानने पर बल दिया गया है। इस प्रकार जो हिन्दू भी अपने धार्मिक ग्रन्थों में आस्था रखता है, अल्लाह के रसूल मुहम्मद (सल्ल.) को माने बिना मरने के बाद के जीवन में नरक की आग, वहाँ अल्लाह के दर्शन से महरूमी और उसके सर्वकालिक प्रकोप का हक़दार होगा। to know more read my note
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राजीव भाई,
आप एक अच्छे इन्सान हैं भाई आप जैसी सोच के लोगों की बहोत कमी है इस दौर मैं,खुदा आपको अच्छा रखे,आमीन-मुहम्मद आबिद अली
यह कोई सुतीया है शंकराचार्य नहीं।।
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