tag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post5489816152416724429..comments2023-07-14T03:07:31.572-07:00Comments on सृजन: साउथ इंडियन - नॉर्थ इंडियन भगवान्Rakesh Singh - राकेश सिंहhttp://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-76857458670821546572009-07-11T01:25:10.550-07:002009-07-11T01:25:10.550-07:00रोना तो इसी बात का है बंधु। अन्यथा हर दृष्टि से सर...रोना तो इसी बात का है बंधु। अन्यथा हर दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ होते हुए भी हमारी हालत सदियों से ऐसी क्यों होती।जगदीश त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/08107791926096635566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-73552109388046393712009-07-04T16:51:16.579-07:002009-07-04T16:51:16.579-07:00हिंदुत्व का विस्तार नहीं होने का सबसे बड़ा कारण भी...हिंदुत्व का विस्तार नहीं होने का सबसे बड़ा कारण भी यही है, कहीं नार्थ-साऊथ, कहीं गुजरात-पंजाब, बे-शक यह विभाजन छोभ देता है लेकिन शायद यही विविधता भारत की पहचान है, इतना रंगीन राष्ट्र और कौन है भला, यहाँ अमेरिका-कनाडा में क्या है, सब कुछ इतना परफेक्ट है की उठा-पटक के लिए तरस जाते हैं, ना तो बिजली जाती है न पानी, ना लोग लड़ते हैं ना, शादी की धूम, ना होली की हुड-दंग, सब कुछ बस PERFECT. आप परेशान ना हों यहाँ की बोरिंग ज़िन्दगी से उकता कर भगवान् कब के भाग चुके होंगे, इसलिए साऊथ इंडियन जितनी मर्जी गर्भ गृह में अपने आप की स्थापित करना चाहे कर सकते हैं, वैसे भी हम नार्थ-इंडियन में इतनी एकता है कहाँ, जो हम भगवान् को मना कर यहाँ ला सकें...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com