tag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post2548398849489906847..comments2023-07-14T03:07:31.572-07:00Comments on सृजन: एक विकराल समस्याRakesh Singh - राकेश सिंहhttp://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-90127988338185081182009-08-29T00:31:15.990-07:002009-08-29T00:31:15.990-07:00समस्याएं तो बहुत सी हैं, लेकिन संस्कृति पर प्रहार ...समस्याएं तो बहुत सी हैं, लेकिन संस्कृति पर प्रहार सबसे बड़ी समस्या है। जहां भी हिंदू अल्पसंख्यक होते हैं, अलगाववाद सिर उठा कर खड़ा हो जाता है।जगदीश त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/08107791926096635566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-22763499277936218472009-08-28T15:13:14.613-07:002009-08-28T15:13:14.613-07:00अरे सिर्फ गरीब नहीं बबुआ... हमरे घर कनाडा में भी आ...अरे सिर्फ गरीब नहीं बबुआ... हमरे घर कनाडा में भी आये रहे हमको इसाई बनाने का वास्ते भैया..कहने लगे की जबतक आपका बप्तिस्मा नहीं होता आपके लिए स्वर्ग का द्वार नहीं खुलेगा.. जिसने भी बप्तिस्मा लिया उसके सारे पाप माफ़ हो जाते हैं...मुक्ति की बस एक ही शर्त है इसाई बनना...<br />हम कहे की भगवान् तो सबसे प्यार बिना शर्त के करते हैं तो इ शर्त कब लगा दिए भाई.....<br />उ थोडा घबडाये.....कहने लगे नहीं ऐसा कोई शर्त नहीं है लेकिन बाईबल में अय्ही लिखा है.....<br />हम कहे की चलिए आपका बात मान लेते हैं .....की जिसका भी बप्तिस्मा हुआ है उ सब लोग स्वर्ग जाएगा ठीक हां कहे हाँ.....हम कहे माने की कनाडा अमेरिका में जितना भी क्रिश्चियन हैं सब जायेंगे ....बोले हाँ सब जायेंगे ...तब हम कहे माने की यहाँ का जेल में जितना क्रिमिनल ठूसे हुए हैं उ भी जायेंगे.....अब उ हमर मुंह बकर-बकर देख रहे थे.....हम कहे जब बप्तिस्मा सब बात का इलाज है और कन्फेशन दवा तो फिर इतना कानून का का ज़रुरत है महाराज छो दीजिये सब अपराधी उ स्वर्ग जैयेबे कर रहे हैं आप कहे को बिना मतलब टांग अडा रहे हैं भैया .....और अब आप हमारे घर से रवानगी का राय लीजिये दोबारा झलक मत दिखियेगा....नमस्ते.....तब से गए हैं दोबारा नहीं आये हैं.<br />are bhai Jesus khud 30 saal ka umar mein baptisma liye the to uske pahile kaa u theek admi nahi the ....koi pooche in logon se...<br />bahut sahi kaam kar rahe ho Rakesh...<br /><br />didiस्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-23311314333905209242009-08-26T19:22:58.807-07:002009-08-26T19:22:58.807-07:00Ek urjaa kaa anubhav hua..Kshama chahtee hun..shay...Ek urjaa kaa anubhav hua..Kshama chahtee hun..shayad copy theek se nahee hua..kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-24954041233989470542009-08-26T19:21:50.767-07:002009-08-26T19:21:50.767-07:00Missionaries ने काम भी बहुत किया है...मेरी खुशकिस्...Missionaries ने काम भी बहुत किया है...मेरी खुशकिस्मती रही,की, ऐसा करने वाला कोई मिला नहीं...जबकि, काफी करीबी संपर्क में रहते हुए काम किया..<br /><br />आपने जिस रचना से रु-b-रु कराया, वो बेहतरीन है...एक ऊर्जाkshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-12089258415695109252009-08-25T19:57:41.693-07:002009-08-25T19:57:41.693-07:00दर्पण जी आपने कुछ हद तक सही ही कहा है की "ची...दर्पण जी आपने कुछ हद तक सही ही कहा है की "चीज़ें तभी बिकती है जब खरीदार हो " . लोगों को मुर्ख तभी बनाया जा सकता है जब लोग मुर्ख बन जाएँ |Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-55831250796522616502009-08-25T19:50:05.915-07:002009-08-25T19:50:05.915-07:00Accha lekh...
..aur uske baad gehan research karti...Accha lekh...<br />..aur uske baad gehan research karti hui tippaniya.<br />main tehra kum gyani par itna zarror jaanta hoon:<br /><b>cheezein tab hi bikti hain..<br />..zab koi kharidaar ho.</b>दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-67864857688516036912009-08-25T18:16:32.585-07:002009-08-25T18:16:32.585-07:00बहुत बढ़िया लिखा है आपने! बिल्कुल सही मुद्दे को ल...बहुत बढ़िया लिखा है आपने! बिल्कुल सही मुद्दे को लेकर आपने बड़े ही सुंदर रूप से आलेख किया है ! इस बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-85282033018320366962009-08-25T11:16:12.252-07:002009-08-25T11:16:12.252-07:00धर्मेन्द्र जी गरीबी एक बड़ा कारन है धर्म परिवर्तन ...धर्मेन्द्र जी गरीबी एक बड़ा कारन है धर्म परिवर्तन का पर मसला सारा गरीबी का नहीं है | हमारे मुस्लमान भाई भी गरीब हैं वो क्यों नहीं धर्म परिवर्तन कर लेते हैं ? इसका उत्तर देने से वो सारे लोग कतराते हैं जो हिन्दुओं की गरीबी को ही धर्म परिवर्तन का एक-मात्र कारण मानते हैं |<br /><br />रही बात हन्दू संगठनों की तो मैंने अब तक किसी हिंदुवादी संगठन का उत्पात झारखण्ड मैं नहीं देखा, बीजेपी के राज मैं भी नहीं | झाबुआ मैं यदि कुछ विशेष हुआ हो तो इसका ज्ञान नहीं है मुझे, शायद खबर आई नहीं या मैंने miss किया होगा | पर पुरे देश मैं एक्का-दुक्का घटनाओं को छोड़ दें तो मुझे हिंदूवादी संगठनों की भूमिका मैं कोई गलती नहीं दिखती है | अब यदि कोई लोगों को मुर्ख बनाकर या जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करे तो क्या हिन्दू संगठन चुप-चाप हाथ पे हाथ धरे बैठे ? <br /><br />लोगों को क्यूँ ऐसा लगने लगा है की मीडिया हिन्दू विरोधी हो गई है ? क्योंकी मीडिया को हिन्दुओं की हर चीज बुरी लगती है | इनके पीछे का कारन है आज की मीडिया बिकी हुई है सच से उसका कोई लेना देना नहीं |Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-60689369638450756862009-08-25T10:14:48.365-07:002009-08-25T10:14:48.365-07:00मेरे ब्लॉग पर आप आये , आप का स्वागत है!मेरे ब्लॉग पर आप आये , आप का स्वागत है!बेरोजगारhttps://www.blogger.com/profile/10115308300075877382noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-78151256440753351012009-08-24T17:25:33.077-07:002009-08-24T17:25:33.077-07:00राकेश सिंह जी!
धर्म परिवर्तन के लिए तो हर व्यक्ति ...राकेश सिंह जी!<br />धर्म परिवर्तन के लिए तो हर व्यक्ति स्वतन्त्र है, लोभ के बल पर धर्म परिवर्तन चिन्ता का विषय है। ऐसा नही होना चाहिए।<br />लेकिन लोभ-लालच के बल पर धर्म परिवर्तन के खिलाफ तो आवाज उठनी ही चाहिए।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-1296856050414205052009-08-24T03:49:21.515-07:002009-08-24T03:49:21.515-07:00Waakai gambheer.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट...Waakai gambheer.<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को प्रगति पथ पर ले जाएं।</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-40440725163898894782009-08-23T09:06:33.215-07:002009-08-23T09:06:33.215-07:00राकेशजी मसला सारा गरीबी का है। आपने एक जगह का नाम ...राकेशजी मसला सारा गरीबी का है। आपने एक जगह का नाम सुना होगा झाबुआ मध्यप्रदेश में है। यहां भी ईसाइयों ने कई आदिवासी और भील भाइयों को ईसाई बनाया है। जंगल में रहने वाले थोडे आधुनिक हुए तो उनके सामने रुपया ही सबसे बड़ा संकट था। इसी का लालच देकर इन्होंने कई हजार लोगों का धर्मांतरण कराया। एक समय मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी लेना होता ईसाई बन जाओ की तर्ज पर नौकरी राह पर पड़ी थी। अगर धर्मांतरण जबरदस्ती की चीज नहीं किसी धर्म के प्रति लोगों की आस्था और झुकाव है। इसलिए जब तक गरीब आदिवासी चाहे वे झारखंड के हो या झाबुआ के, वे अपना धर्म बदलते रहेंगे। लेकिन इस आड़ में कई हिंदुवादी संगठन उत्पात मचा रहे हैं। हमें इस बुरे पहलु पर भी विचार करना होगा। सिर्फ ईसाइयों को ही दोष देना ठीक नहीं है। <br />धर्मेन्द्र चौहान <br />http://dharmendrabchouhan.blogspot.com/Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-11378322526613934062009-08-23T05:26:53.881-07:002009-08-23T05:26:53.881-07:00सारगर्भित लेख......बहुत बहुत बधाई....सारगर्भित लेख......बहुत बहुत बधाई....प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-22920359446666418102009-08-22T11:19:43.303-07:002009-08-22T11:19:43.303-07:00पहली बात तो ये है कि हिन्दुत्व या हिन्दू जाती को ब...पहली बात तो ये है कि हिन्दुत्व या हिन्दू जाती को बचाने की फुरसत या धन किसे निकालना है? आजकल तो सेलिब्रिटी भी विभिन्न कार्यक्रमों से मिलने वाला धन किसी ऐसे एनजीओ को देते हैं जो परोक्ष रूप से हिन्दुओं का बाप्तिस्मा करने में लगे हैं. आम आदमी को मंदिर जाने से ही फुर्सत नहीं. थोडा संपन्न हुआ तो निन्यानवे के चक्कर में ही फंसा रहता है. बुजुर्ग हुए तो चार धाम की यात्रा पर निकल लिए. रही बात अम्बानी जैसों की तो इन्हें अपने कारोबारी फायदों के लिए हिन्दू समाज के धुर विरोधियों से गलबहियां करनी पड़ती हैं. बाकी बच्चा मीडिया, जिसे या तो अंग्रेज या अमेरिका चलाता है या फिर उनकी मानस-संताने. बाकी जो बचे हैं उन्हें गल्फ से शेख खैरात देते हैं या कोइ आस्ट्रेलियन या इतालवी मिशनरी. आपके लिए कोइ आवाज बुलंद भी करता है तो यह सब मिलकर उसे साम्प्रदायिक या अछूत घोषित कर देंगे. देखा जाए तो हिन्दुओं का कोइ दुश्मन है तो हिन्दुओं का सत्ता-संपदा लालच, या फिर उदासीनता अथवा मूढ़ता ही है. वरना दुनिया की सबसे संपन्न कौम के लोगों को ही सिर्फ रोटी कपडा देकर धर्मान्तरित करने का दुस्साहस कौन कर सकता है?<br />आपने लेख में व्यवहारिक धरातल पर बढिया विश्लेषण किया है. काश हम नींद से जागें...जीत भार्गवhttps://www.blogger.com/profile/15809114716055272312noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-6820756908258160302009-08-22T01:50:59.545-07:002009-08-22T01:50:59.545-07:00यदि सभी धर्मों को समान समझा जाता है तो किसी भी प्र...यदि सभी धर्मों को समान समझा जाता है तो किसी भी प्रकार के धर्म परिवर्तन पर रोक लगनी चाहिये !विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4406012885557107227.post-43201547867203660202009-08-21T20:43:21.536-07:002009-08-21T20:43:21.536-07:00भाई, हम एक हजार साल तक गुलाम रहे हैं, हजार वर्षों ...भाई, हम एक हजार साल तक गुलाम रहे हैं, हजार वर्षों की गुलामी का असर ६२ वर्षों में जाने से रहा. धर्म परिवर्तन धड़ल्ले से, खुले आम हो रहा है. वोट बैंक की राजनीति मुंह पर ताला मार देती है. गरीबी को कारण बताना तो नाटक है. समस्या से मुंह छुपाने के लिए कुछ तो कहना ही पडेगा. लेकिन, एक बहुत बडी वजह जो इस के पीछे है, उसे हम भूल जाते हैं- ये है स्वार्थ. यह स्वार्थ परिवर्तन करने वालों और कराने वालों दोनों पर ही हावी है. जब तक हम इससे छुटकारा नहीं पाएंगे, धर्म ही नहीं, देश भी खतरे में रहेगा.Anonymousnoreply@blogger.com